राजकुमारी की प्रेम कहानी || Rajkumari ki prem kahani || Hindi Romantic Love Story

OM
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प्रेरणादायक हिंदी कहानी संग्रह कथा-कहानी ज्ञानवर्धक किस्से | Hindi Kahani or Story Collection

हिंदी कहानियाँ एक ऐसी विधा जो जीवन को, परिस्थितियों को अपने में लेकर उलझी हुई समझ को, सुलझा देती हैं. हिंदी कहानी हमारे व्यक्तित्व को एक दर्पण की भांति हमारे सामने प्रेषित करती हैं जिनसे हमें अपने कर्मो का बोध होता हैं. माना कि कहानियाँ काल्पनिक होती हैं पर कल्पना परिस्थिती के द्वारा ही निर्मित होती हैं. पाठको को लुभाने एवं बांधे रखने के लिए कई बार भावों की अतिश्योक्ति की जाती हैं लेकिन अंत सदैव व्यवहारिक होता हैं, यथार्थता से परिपूर्ण होता हैं.

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 ये blog आपके लिए ही है, ये ब्लॉग Study के उदेश्य से बनाया गया है 
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राजकुमारी की प्रेम कहानी
PART :- 1
☆ एक राजकुमारी रूपरेखा को महल की दीवारों के भीतर की जिंदगी हमेशा बोझिल लगती थी हर दिन वही शाही भोज वही कठोर नियम और वही बनावटी लोग उसकी आत्मा कुछ और चाहती थी मुक्ति सच्चायी और वह दुनिया जो ऊँची दीवारों के बाहर थी। एक दिन राजकुमारी ने अपनी सखियों के साथ जंगल मे सैर पर जाने कि जिद की राजा बलराम ने पहले मना किया लेकिन फिर उसकी जिद्द के आगे झुकते हुए एक बड़ा सैनिक दल उसके साथ भेज दिया ।

☆ जंगल की गहरी हरियाली मे सैर करते हुए राजकुमारी की नजर एक छोटी पहाड़ी पर चढ़ती भेड़ों के झुंड और उनके रखवाले पर पड़ी वह चरवाहा जिसका नाम विरा था अपनी मधुर बाँसुरी की धुनो में खोया हुआ था। राजकुमारी को यह दृश्य बेहद अलग और सुंदर लगा ।

☆ उसने अपनी सखियों से कहा देखो यह जीवन कितना सरल और शांत लगता है लेकिन जब सैनिकों ने चरवाहे के करीब जाने  का सुझाव दिया तो राजकुमारी ने उन्हे मना कर दिया। वह हमारा अतिथि नही है उसे डराने की जरूरत नही उसने सख्त लहजे मे कहा वही दूसरी ओर चरवाहा विरा ने राजकुमारी की झलक देखी लेकिन उसकी नजरे आदर से झुकी रही वह समझ चुका था कि यह कोई साधारण युवती नही बल्कि राज महल से आई है।

☆ कुछ दिनो बाद राजकुमारी ने महल से बाहर जाने की जिद की और इस बार वह अपनी पहचान छिपा कर अकेले जंगल मे गई उसने सादे कपड़े पहन लिए ताकि कोई उसे राजकुमारी ना समझ सके वह उसी जगह गई जहाँ विरा अपनी भेड़ो के साथ होता था जंगल के बीचो  बीच जब विरा ने उसे देखा तो उसने विनम्रता से पुछा देवी क्या आप रास्ता भटक गई हैं।

☆ राजकुमारी ने मुसकुराते हुए जवाब दिया नही मै सिर्फ इन पहाड़ियों की सुंदरता देखने आई हूँ तुम यहाँ क्या करते हो विरा ने सहजता से जवाब दिया मै अपनी भेड़ों का ध्यान रखता हूँ और अपनी बाँसुरी के सुरों से उन्हें शांत करता हूँ यह मेरी दुनिया है।

☆ साधारण और शांति से भरी हुई राजकुमारी ने उसके शब्दों में सच्चाई और उसके जीवन की सरलता को महसूस किया वह विरा से प्रभावित हुई लेकिन उसने अपनी पहचान बताने की हिम्मत नही हुई उसने खुद को एक साधारण लड़की के रूप मे प्रस्तुत किया महल मे राजा बालवीर को राज्य के कोश मे घटाव की खबर मिली मंत्री ने बताया कि महल का खजाना तेजी से खाली हो रहा है।

☆ राजा परेशान हो गए और उन्होंने तुरंत एक सभा बुलाई राजकुमारी रूपरेखा भी इस बैठक में शामिल हुई राजा ने कहा हमारे राज्य मे या तो चोरी हो रही है या हमारी योजनाओ मे गंभीर चूक है।

☆ हमें तुरंत समाधान खोजना होगा मंत्री ने सुझाव दिया राजा साहब हमे गाँवों का दौरा करना चाहिए वहाँ के लोगों से उनकी समस्याए और जरूरते जाननी होगी शायद इस समस्या की जड़ वही हो राजकुमारी ने मौका पाकर कहा पिताजी मुझे भी इस दौरे पर जानेे  दीजिए मै देखना चाहती हूँ, कि हमारे राज्य के लोग कैसे रहते हैं राजा बालवीर ने पहले हिचकिचा हुए, अनुमति दी लेकिन यह तय किया कि राजकुमारी पर नजर रखने के लिए सैनिकों को भेजा जाएगा इस दौरे पर राजकुमारी को गाँवों की असली तस्वीर दिखाई दी गरीबी भूख और लोगों की कठिनाइयो ने उसेे झक झोर दिया ।

☆ वही उसने विरा को फिर से देखा जो एक गाँव के बच्चों को पढ़ा रहा था। उसकी सादगी और दूसरों के लिए करुणा ने उसे और अधिक प्रभावित किया लेकिन इस बार महल के मंत्री ने भी विरा पर ध्यान दिया मंत्री ने राजा को बताया इस चरवाहे का प्रभाव गाँव के लोगों पर गहरा है, वह उनकी बात सुनता है और उन्हे प्रेरित करता है लेकिन क्या यह हमारे लिए खतरा बन सकता है।

☆ राजा ने गहराई से सोचते हुए कहा, अगर कोई हमारे राज्य की एकता को चुनौती दे रहा है, तो उसे रोकना होगा हमे। यह चरवाहा कौन है और उसकी मंशा क्या है जानना होगा जंगल के उसी शांत कोने मे राजकुमारी रूपरेखा ने अब विरा से बार - बार मिलने का बहाना ढूंढ लिया हार कुछ दिनों मे वह साधारण वेशभूषा मे महल से निकलती और भेड़ों के झुंड के पास जाकर बैठ जाती। शुरूआत से विरा ने उससे ज्यादा सवाल नही किये।

PART :- 2
☆ वह विनम्रता से अपनी बाँसुरी बजाता और कभी - कभी उसके सवालों के जवाब भी दे देता राजकुमारी भी धीरे धीरे उसकी सरल बातों और शांत स्वभाव से प्रभावित होने लगी एक दिन जब राजकुमारी ने पूछा तुम इतना खुश कैसे रहते हो तुम्हारे पास तो कोई धन दौलत भी नही है विरा मुस्कुराया और बोला धन दौलत खुशियां नही देती मेरे पास मेरी भेड़ें हैं।

☆ यह पहाड़ियां हैं और शांति है बस यही काफी है। राजकुमारी उसकी सादगी पर मुस्कुराई और बोली तुम्हारी बातों को सुनकर मुझेे लगता है कि मै भी अपनी दुनिया से भागना चाहती हूँ। वहाँ सब कुछ दिखावे का है। विरा ने ध्यान से उसकी बात सुनी लेकिन वह यह समझ नही सका कि उसकी दुनिया कितनी अलग है कुछ ही मुलाकातों मे दोनों की बातचीत ज्यादा सहज हो गई ।

☆ विरा ने उसे चरवाहों की जिंदगी के छोटे छोटे पहलुओ के बारे मे बताया राजकुमारी को अपनी भेड़ों के नाम भी बताने शुरू कर दिए और यह भी कि कैसे हर एक की आदते हैं।

☆ एक दिन उसने राजकुमारी को बाँसुरी पकड़ाई और कहा तुम भी इसे बजाने कि कोशिश करो राजकुमारी ने हँसते हुए कहा, मै यह कभी नही कर पाऊँगी कोशिश तो करो, विरा ने कहा राजकुमारी ने बाँसुरी बजाने की कोशिश की लेकिन उससे सिर्फ एक अजीब सा सुर निकला विरा ने हँसते हुए कहा चलो तुमने कोशिश तो की बस अभ्यास की जरूर त है।

☆ महल मे राजा बलवीर अब राज्य के और प्रजा की स्थिति को लेकर चिंतित थे मंत्री ने सुझाव दिया हमारे ख़ज़ाने मे जो कमी आ रही है वो या तो किसी बड़ी षड्यन्त्र का हिस्सा है या फिर हमारी व्यवस्था में कोई गंभीर गड़बड़ी है हमें इसका हल ढूँढना होगा।

☆ राजा ने पूरे राज्य के गाँवों का निरीक्षण करने का आदेश दिया इसके लिए उन्होंने विशेष अधिकारी नियुक्त किये और कहा हमें गाँव के आंकड़े चाहिए अगर कोई समस्या है तो तुरंत हमें समाधान करना होगा। राजकुमारी ने यह सब सुना लेकिन उसका ध्यान जंगल कि ओर ज्यादा रहता वह हर बार बहाना बनाकर जंगल जाने की कोशिश करती एक दिन राजकुमारी जंगल पहुंची तो विरा ने उससेे कहा तुम हर बार यहाँ क्यों आतीं हो तुम्हारी अपनी कोई दुनिया नही हैं।

☆ राजकुमारी ने जवाब दिया मेरी दुनिया बहुत जटिल है यहाँ आकर मुझे सुकून मिलता है विरा ने धीरे से कहा हर किसी को अपनी दुनिया का सामना करना चाहिए।

☆ भागने से सुकून नही मिलता रूपरेखा उसकी बातों मे खो गई उसने सोचा कि यह साधारण चरवाहा कितनी बड़ी- बड़ी बाते कर सकता है। महल मे राजा ने अपनी जांच तेज कर दी उन्होंने गुप्त चरों को भेजकर यह पता लगाने का आदेश दिया। कि ख़ज़ाने में कमी का असली कारण क्या है इस बीच मंत्री ने एक और बड़ी समस्या की ओर ध्यान दिलाया। गाँवों मे के नया नाम उभर रहा है विरा नाम के चरवाहे का लोग उसकी बाते सुनते हैं और उसकी सराहना करते हैं हमें यह देखना होगा कि क्या हमारी सत्ता के लिए खतरा बन सकता है।

☆ राजा ने आदेश दिया इस चरवाहे कि हर गतिविधि पर नजर रखी जाए लेकिन ध्यान रहे उसे यह एहसास ना हो कि हम उसकी जांच कर रहे है। राजकुमारी और विरा की दोस्ती गहरा जा रही थी विरा अब राजकुमारी को अपने दोस्तों के बारे मे बताने लगा और उसेे गाँव के छोटे-छोटे त्यौहारों की कहानियाँ सुनने लगा लेकिन अरब अभी भी नही जानता था कि वह जिससे बात कर रहा है वह कोई साधारण लड़की नही बल्कि पूरे राज्य की राजकुमारी है इधर महल मे राजा बालवीर की चिंता और बढ़ती जा रही थी।

☆ ख़ज़ाने की कमी गाँवों में बढ़ती असंतोष की खबरे और अब इस नए चरवाहे की बाते यह सब मिलकर किसी बड़े तूफान की आहट दे रहे थे जंगल की ओर जाते हुए राजकुमारी रूपरेखा ने के बार फिर साधारण ग्रामीण वेशभूषा धारण की वह हल्के भूरे रंग की साड़ी पहने सिर पर एक साधारण कपड़ा लपेटे और पैरों मे सादे चप्पल पहने निकली उसकी ही पहचान इस साधारण वेशभूषा के नीचेे पूरी तरह छिप गई थी राजा बलवीर ने उसकी सुरक्षा के लिए सैनिकों से साधारण ग्रामीण लड़की जैसा व्यवहार करने के कारण सैनिक उसेे पहचान नही पा रहे थे वह जंगल मे विरा से मिलने के लिए आसानी से निकल गई जैसेे ही वह विरा के पास पहुंची विरा भेड़ोंं के झुंड के
साथ बैठा बाँसुरी बजा रहा था।
PART :- 3
☆ उसकी बाँसुरी की धुन हमेशा की तरह मधुर और शांति देने वाली थी। राजकुमारी ने उसे देख कर मुसकुराते हुए कहा तुमहर बाँसुरी हर बार मुझे यहाँ खींच लाती है। विरा ने मुसकुराते हुए जवाब दिया और तुम्हारी जिज्ञासा हर बार तुम्हें यहाँ ले आती है। आज तुम्हारा चेहरा पहले से ज्यादा खुश लग रहा है। क्या राजकुमारी ने मुसकुराते हुए कहा, कुछ खास नही बस मैं तुमसे कुछ नई कहानियाँँ सुनना चाहती हूँ।

☆ अरब ने उसेे एक बड़ी चट्टान पर बैठनेे का इशारा किया और कहा ठीक है लेकिन पहले मुझेे यह बताओ तुम कौन हो तुम्हारे सवाल और बात किसी साधारण गाँव की लड़की की तरह नही लगती राजकुमारी ने हँसते हुए कहा बस एक जिज्ञासुु लड़की हूँ जो दुनिया को समझना चाहती है। और तुम कौन हो तुम्हारे पास इतनी सादगी मेंं भी इतनी समझदारी कहाँँ से आई विरा ने सरलता से जवाब दिया जब तुम्हारे पास खोने को कुछ ना हो तो तुम हर चीज को गहराई से देखना सीखते हो ।

☆ जीवन मुझेे सिखाता हैै बस इस दौरान राजा के सैनिक जंगल मे इधर उधर गश्त लगा रहे थे वे दूर से राजकुमारी को देख सकते थे, लेकिन साधारण वेशभूषा और उसकी बदली हुई चाल ढाल के कारण वे उसेे पहचान नही सके यह तों किसी गाँव की साधारण लड़की लगती है। राजकुमारी नही हो सकती। एक सैनिक ने कहा, हाँ राजकुमारी तो हमेशा शाही पोशाक मे होती है। यह औरत तो साधारण सी दिखती है।

☆ दूसरे ने जवाब दिया राजकुमारी ने सैनिकों को अपनी ओर देखते हुए महसूस किया लेकिन उन्हे अनदेखा करते हुए विरा की ओर ध्यान दिया वह जानती थी। कि उसकी वेशभूषा और साधारण व्यवहार उसकी पहचान छुपाने मे मददगार होगा अरब ने उसे अपनी भेड़ों के बारे मे बताया यह भेड़े मेरी दुनिया है हर एक की अपनी खासियत है देखो वह जो सफेद भेड़़ हैै वह हमेशा झुंड से अलग चलती है। और वह काली भेड़ व सबसेे समझदार है।

☆ राजकुमारी ने भेड़ोंं की ओर देखते हुए कहा तुम्हारी जिंदगी कितनी सरल और सुखद लगती है मै सोचती हूँँ की कभी-कभी मेरे पास भी ऐसा ही जीवन होता। विरा ने उसकी बात सुनकर कहा जिंदगी कभी आसान नही होती चाहेे तुम राजा हो या चरवाहा बस संतोष ही सच्ची खुशी लाता है महल मे राजा बालवीर को प्रजा से जुड़ी नई समस्याओ की खबरे मिलने लगी गाँवों मे असंतोष बढ़ रहा था और ख़ज़ानेे की कमी अब चिंता का विषय बन गई थी।

☆ मंत्री ने राजा से कहा हमारे पास ज्यादा समय नही है। अगर हमनेे जल्द समाधान नही निकाला तो प्रजा का भरोसा टूट सकता है। राजा ने एक बार फिर अपनी जांच बढ़ानेे के आदेश दी उन्होंने कहा हर गाँव का निरीक्षण किया जाए और यह पता लगाया जाए की ख़ज़ाने में यह कमी कैसे आ रही है जंगल मे राजकुमारी और विरा की मुलाकाते बढ़ती जा रही थी। उनकी दोस्ती अब और गहरी होने लगी थी।

☆ लेकिन अरब अब भी नही जानता था कि वह जिससे बाते कर रहा है। वह कोई साधारण लड़की नही बल्कि पूरे राज्य की राजकुमारी है। जंगल की मुलाकातों ने राजकुमारी रूपरेखा और विरा के बीच गहरी दोस्ती को जन्म दिया हर मुलाकात मे राजकुमारी विरा से नई बाते सिख और अपनी शाही जिंदगी की समस्याओ को कुछ देर के लिए भूल जाती थी।

☆ विरा की सादगी उसके जीवन के प्रति संतोष और उसकी बाँसुरी की धुनोंं ने राजकुमारी के दिल मे के नई भावना जगा दी थी लेकिन वह इसेे अभि तक पूरी तरह समझ नही पाई थी एक दिन राजकुमारी ने विरा से पुछा अगर तुम्हें राजा बननेे का मौका मिले तो तुम क्या करोगे ?

☆ अरब ने बाँसुरी नीचे रखते हुए कहा राजा बनने का सपना मैंने कभी नही देखा लेकिन अगर मै राजा होता तो मै सबसे पहले यह सुनिश्चित करता कि हर व्यक्ति को भोजन आश्रय और शिक्षा मिले लेकिन मुझे लगता है मै अपनी भेड़ों और इस जंगल के बिना अधूरा रहूँगा रूपरेखा उसकी बातों में खो गई उसने सोचा इतनी साधारण जिंदगी जीने वाला इंसान भी इतना गहराई से सोच सकता है, काश मै भी इस तरह सोच पाती विरा ने उससे पुछा तुम्हारी दुनिया कैसी है क्या वहाँ सब खुश रहते हैं?
PART :- 4
☆ राजकुमारी ने हल्की उदासी के साथ जवाब दिया मेरी दुनिया में सब कुछ दिखावे का हैै वहाँ लोग एक दूसरे को जानने के बजाय उनके पद और संपत्ति को महत्व देते हैं। विरा ने मुस्कुरा कर कहा तो फिर तुम यहाँ क्यों आती हो राजकुमारी ने कहा, उसकी आँखों मे देखते हुए शायद इसलिए कि यहाँ मुझे सुकून मिलता है और तुम्हारे साथ बात करके मुझे ऐसा लगता है कि मै खुद को थोड़ा और समझनेे लगी हूँ।

☆ उनकी मुलाकाते अब ज्यादा लंबी होने लगी थी राजकुमारी और विरा के बीच एक अजीब सा खिचाव महसूस होने लगा था एक दिन जब सूरज ढल रहा था। और जंगल की रोशनी सुनहरी हो गई थी अरब ने अचानक कहा तुम्हारी हंसी इस जंगल के हर फूल से ज्यादा खूबसूरत है राजकुमारी थोड़ा चौकी लेकिन फिर मुस्करा दी तुम्हारे शब्द हमेशा इतने खास क्यों लगते हैंं उसनेे पुछा विरा ने जवाब दिया शायद इसलिए कि तुम्हारे साथ बाते करना मेरी बाँसुरी बजानेे से भी ज्यादा सुकून देनेे वाला है, उनकी आंखेे मिली और दोनों के बीच एक अनकही भावना ने जन्म लिया ।

☆ महल मे राजा बालवीर को गुप्त चरों से खबर मिली कि जंगल के पास एक साधारण ग्रामीण लड़की अक्सर जाती है लेकिन यह लड़की कौन यह अभी तक पता नही चल पाया मंत्री ने राजा से कहा हो सकता है कि यह कोई साधारण बात ना हो हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए। एक शाम जब राजकुमारी विरा के पास पहुंची तो, उसने देखा कि विरा किसी गहरी सोच मे है, उसने पुछा क्या हुआ तुम इतने चुप क्यू हो ? उसने पूछा विरा ने धीरे से कहा क्योंकि मुझेे लगता है मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूँ।

☆ तुम्हारे बिना यह जंगल खाली लगने लगा है, राजकुमारी ने उसकी आँखों में देखा उसकी सादगी और सच्चाई ने उसे गहराई तक छु लिया उसने पहली बार अपने दिल की बात कही विरा मुझे भी ऐसा ही लगता है लेकिन मेरी जिंदगी बहुत जटिल है। मैं तुम्हें अभी ये सब नही समझा सकती विरा ने मुसकुराते हुए कहा तुम्हारी सच्चयी मेरे लिए काफी है। मैं इंतजार कर सकता हूँ, राजकुमारी और विरा का प्यार अब गहराने लगा था। लेकिन राजकुमारी की पहचान अभी भी छिपी थी राजा के गुप्त कहर उनकी हरकतों पर नजर रखने लगे थे। जंगल की सुनहार शाम मे राजकुमारी रूपरेखा और विरा एक चट्टान के पास बैठे थे। आसमान नारंगी रंग से रंगा हुआ था।

☆ और विरा की बाँसुरी की धुन चारों ओर गूंज रही थी राजकुमारी की आंखे दूर पहाडियों पर टिकी थी, लेकिन उसका ध्यान विरा पर था। उसने कुछ देर चुप रहने के बाद कहा, विरा मुझे तुमहरे साथ ऐसा लगता है, कि मै अपनी असली पहचान खोज रही हूँ। मैं नही जानती कि यह कैसा एहसास है, लेकिन यह मुझे बार - बार तुम्हारे पास खींच लाता है अरब ने बाँसुरी नीचे रख दी और उसकी आँखोंं ओर देखते हुए कहा मैं भी कुछ दिनो से यही महसूस कर रहा हूं तुम्हारी मौजूदगी ने मेरी साधारण दुनिया मे रंग भर दिए हैं।

☆ मै तुमहरे बिना अब इस जंगल की कल्पना नही कर सकता दोनों की आंखे मिली और उनके बीच का मौन सब कुछ कह गया क्या यह प्यार है। अब राजकुमारी ने धीरे से पूछा शायद विरा ने मुसकुराते हुए कहा अगर प्यार वही है जिसमें तुम्हारे बिना जीनेे का ख्याल भी मुश्किल लगे राजकुमारी ने उसकी बात सुनकर अपना हाथ उसकी ओर बढ़ाया विरा ने उसका हाथ थाम लिया यह उनका प्रेम का पहला स्वीकार था जो शब्दों से ज्यादा उनकी आंखों और भावनाओ मे झलक रहा था।

☆ इधर राजा बालवीर ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में ख़ज़ानेे की कमी को पूरा करने के लिए नए कर लगाने का आदेश दे दिया मंत्री ने सुझाव दिया ग्रामीण पहले ही परेशान है। मगर हमनें ज्यादा कर वसूली की तो विद्रोह की संभावना बढ़़ सकती है, लेकिन राजा ने गुस्सेे मे कहा अगर प्रजा विद्रोह करती है तो हमारी सेना उसे कुचल देगी राज्य का खजाना खाली हो रहा है, और इसेे भरने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
PART :- 5
☆ ग्रामीणों पर सख्ती बढ़ा दी गई कर वसूली के नाम पर सैनिक गाँवों मे जबरदस्ती घुसकर अनाज मवेशी और धन ले जानेे लगे गरीब किसान जो पहले ही सूखेे और कठिनाइयोंं से जूझ रहे थे। अब इस नए अत्याचार से और टूटनेे लगे विरा जब राजकुमारी से मिलकर अपने गाँव लौटा तो उसनेे देखा कि सैनिक गाँव मे लूटपाट मचा रहे थे। एक बूढ़ा किसान जिसकी एकमात्र भैंस सैनिक छीनकर ले जा रहे थे चीख रहा था यह मेरी जिंदगी है इसेे मत ले जाओ।

☆ विरा ने आगेे बढ़ कर सैनिकों से कहा, आप यह अन्याय क्यों कर रहे हैं, क्या राजा को यह सब पता है। सैनिकों ने विरा को धक्का देते हुए कहा राजा के आदेश का पालन करना हमारा कर्तव्य है अगर ज्यादा बोलोगे तो तुम्हें भी सजा मिलेगी विरा ने अपनी आंखोंं मे आक्रोश ली देखा लेकिन उसनेे कुछ नही कहा उसनेे सोचा अगर ऐसा ही चलता रहा तो, यह अन्याय बहुत दूर तक जाएगा अगली मुलाकात मे विरा ने राजकुमारी से गाँव मे हो रहे अत्याचार की बात की राजा के सैनिकों ने गरीबों का सब कुछ छिन रहे हैं।

☆ यह कब तक चलेगा उसने पुछा राजकुमारी ने गहरी सांस लेते हुए कहा मुझेे यह सब सुनकर दुख हो रहा हैे किन राजा को क्या पता नही होगा कि, उसकी प्रजा कितनी तकलीफ में है। विरा ने गंभीर स्वर मे कहा अगर राजा को पता है और फिर भी वह कुछ नही कर रहे हैं तो वह राजा कहलानेे के लायक नही। एक सच्चा राजा अपनी प्रजा का ख्याल रखता है। ना कि उन पर अत्याचार करता है।

☆ राजकुमारी का दिल भारी हो गया वह जानती थी कि राजा बालवीर उसके पिता हैं, और यह सब सुनकर उसेे अपने रिश्ते और कर्तव्य के बीच कि खाई साफ दिखानेे लगी विरा ने उसकी आँखोंं में देखते हुए कहा रूपरेखा तुम कौन हो ? यह मेरे लिए मायनेे नही रखता लेकिन मैं जानता हूँ, कि तुम्हारे पास एक शक्ति है तुमसे उम्मीद है कि तुम इस अन्याय के खिलाफ कुछ करोगी ।

☆ राजकुमारी ने अपना सिर झुका कर कहा विरा मैं कुछ कर सकती हूँ। लेकिन मेरे सच को जानने के बाद भी क्या तुम मुझेे वैसे ही देख पाओगेे विरा ने उसके चेहरे को छूते हुए कहा तुम्हारी सच्चयी कुछ भी हो, लेकिन मेरे लिए तुम वही रहोगी जिसनेे मेरे जीवन को बदल दिया जंगल की शान शाम मे राजकुमारी रूपरेखा और विरा अपनी सामान्य जगह पर बैठेे थे। सूरज ढल चुका था और हल्की चाँदनी चारों ओर फैल गई थी।

☆ दोनो ने अपने दिल की बात साँझा की थी और उनके बीच केवल सच प्यार का एहसास था। लेकिन उनकी गहरी बातचीत को छिपकर देख रहा था राजा का एक गुप्त चर उसनेे तुरंत महल लौटकर राजा बालवीर को यह खबर दी महल मे गुप्तचर ने राजा से कहा महाराज आपकी बेटी राजकुमारी रूपरेखा जंगल में एक साधारण चरवाहेे के साथ समय बिता रही हैं। वह अपने राजसी वेशभूषा मे नही बल्कि ग्रामीण वेशभूषा मे जाती है। वह चरवाहा विरा नाम का एक युवक है।

☆ राजा बालवीर गुस्से से लाल हो गए। एक साधारण चरवाहा और मेरी बेटी यह कैसे हो सकता है। उन्होंनेे तुरंत अपने सैनिकों को आदेश दिया, उस चरवाहे को पकड़कर मेरे सामनेे लाओ और राजकुमारी को अपने महल के कक्ष मे बंद कर दों ।

☆ वह अब कही नही जाएगी अगले दिन जब विरा अपने गाँव में भेड़ोंं के साथ था राजा के सैनिक वहाँँ पहुंचेे उन्होंने विरा को बिना कुछ बताए उसेे पकड़ लिया। मुझेे क्यों ले जा रहे हो? विरा ने चिल्लाते हुए पुछा सैनिकों ने कहा राजा के आदेश का पालन करो तुम्हें कोठरी मे डालने का हुक्म हुआ है। गाँव वाले यह सब देखकर डर गए विरा की माँँ ने सैनिकों से रोते हुए कहा, मेरा बेटा निर्दोष है, उसेे मत ले जाओ लेकिन सैनिकों ने किसी की एक ना सुनी और विरा को खींचते हुए महल ले गए ।

☆ महल मे राजा बालवीर मे विरा को देखते ही कहा तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी बेटी के करीब आनेे कि तुम्हारी औकात क्या है विरा ने राजा के आँखोंं मे देखकर कहा प्यार मे कोई औकात नही देखी जाती महाराज मैंनेे कभी राजकुमारी को उनकी पहचान के कारण नही चाहा मैंनेे उन्हें उनकी सादगी और इंसानियत के लिए चाहा राजा का गुस्सा और बढ़़ गया उन्होंनेे सैनिकों से कहा इसेे काल कोठरी मे डाल दो और इसेे इतना सड़ा दो कि इसेे अपने कर्मों का पछतावा हो ।
PART :- 6
☆ उधर राजकुमारी रूपरेखा को जब पता चला कि विरा को पकड़ लिया गया है, तो उसने अपने कमरे से निकलने की कोशिश की लेकिन द्वार पर खड़े सैनिकों ने उसे रोक दिया आपके पिता ने आदेश दिया है कि आप अपने कक्ष से बाहर नही जा सकती है।सैनिकों ने कहा राजकुमारी ने गुस्से मे कहा यह अन्याय है, मुझेे बाहर जानेे दो लेकिन उसकी आवाज महल की दीवारों में कैद होकर रह गयी। गाँव मे राजा के सैनिकों ने विरा के परिवार पर अत्याचार करना शुरू कर दिया।

☆ यह चरवाहा राजा के खिलाफ जाने की हिम्मत करता है इसका परिवार भी इस अपराध का खामियाजा भोगे सैनिकों ने कहा विरा के घर का सारा अनाज जप्त कर लिया गया। उसकी माँ को घर से बाहर निकाल दिया गया उनके जानवर छीन लिया गया गाँव डर के कारण कुछ नही कर पा रहे थे लेकिन उनके भीतर धीरे – धीरे विद्रोह की भावना जन्म ले रही थी।

☆ अपने कक्ष मे बंद राजकुमारी ने रोते हुए सोचा विरा निर्दोष हैं उसका अपराध सिर्फ इतना है कि उसनेे मुझसेे प्यार किया मुझेे कुछ करना होगा मैं उसे एसे नही छोड़ सकती उसनेे अपनी दासी से कहा मेरे पिता के खिलाफ जाना खतरनाक हो सकता है लेकिन मैं अपने प्यार और अपने वचन को नही तोड़ सकती क्या तुम मेरी मदद करोगी दासी ने सहमत हुए कहा मैं आपकी जान जोखिम में नही डाल सकती लेकिन आप कहे तो मैं आपकी चिट्ठी विरा तक पहुँचा सकती हूँ।

☆ महल के गलियारों मे सन्नाटा था। लेकिन इस सन्नाटे के पिछेे एक बड़ी खबर धीरे धीरे पूरे राज्य मे फैल रही थी राजकुमारी रूपरेखा गर्भवती थी यह खबर सबसेे पहले महल के गुप्तचर को पता चली जिसने इसे राजा बालवीर तक पहुंचाया जब राजा बालवीर को यह खबर मिली तो उनका गुस्सा आसमान छुनेे लगा यह असंभव है उन्होंने गरजते हुए कहा मेरी बेटी ने हमारे परिवार के सम्मान को दागदार कर दिया और वह भी एक साधारण चरवाहे के साथ मंत्री और दरबारी भी स्तब्ध रह गए ।

☆ राजा ने तुरंत राजकुमारी को अपने दरबार मे बुलाया । राजकुमारी रूपरेखा को सैनिकों ने उसके कक्ष से बाहर लाकर दरबार मे खड़ा किया वह बेहद शांत थी। लेकिन उनकी आँखो मे एक अजीब सी दृढ़ता थी। क्या यह सच है राजा ने गुस्से मे पुछा राजकुमारी ने राजा कि आँखों मे देखते हुए कहा हा यह सच है और मै इसके लिए शर्मिंदा नही हूँ। राजा ने गुस्से मे अपने सर की मुकुट को फेंकते हुए कहा तुमने हमारे परिवार का नाम मिट्टी मे मिला दिया है।

☆ तुम्हें उस चरवाहे से प्यार करने की सजा तो दी जाएगी। लेकिन अब यह मामला और भी बड़ा हो गया है। तुमने हमारे राज घराने के खून को अपमानित किया है। महल के नौकर चाकर और गुप्तचर इस खबर को लेकर फुसफुसाना पूरे राज्य में फैल गई गाँव और शहर मे हर तरफ यही चर्चा थी राजकुमारी रूपरेखा गर्भवती हैं।

☆ पिता कोई साधारण चरवाहा है, कुछ लोगों ने इसे प्रेम की मिसाल माना जबकि अन्य इसे राज घराने का अपमान समझ रहे थे। ग्रामीणोंं  में विरा की साहसिक छबी उभरने लगी। लोग कहने लगे उसने राजा के खिलाफ जाकर भी राजकुमारी का दिल जीता लेकिन राज्य के अभिजात वर्ग और दरबारियों मे इस खबर से हड़कंप मच गया।

☆ राजा ने गुस्से मे आदेश दिया विरा के परिवार को और सताओ उसके घर की जमीन छीन लो। और गाँव को सबक सिखाओ कोई भी मेरे खिलाफ बोलने की हिम्मत ना करे सैनिक विरा के गाँव मे गए और उसकी माँ को घर से निकाल दिया ग्रामीणों को धमकाया गया कि अगर उन्होंने विरा की मदद की तो उन्हे जाने से मार डाला जाएगा। रूपरेखा ने पिता से कहा आप जितना क्रोध करेंगे मै अपने प्यार से पिछेे नही हटूगी।

☆ यह बच्चा मेरे और विरा के प्यार का प्रतीक है मैं इसे हर हाल मे जन्म दूँगी राजा बालवीर ने उसकी बात सुनकर और भी क्रोधित होते हुए कहा मैं इसे सहन नही कर सकता तुम्हें और तुम्हारे बच्चे को इस महल में कोई जगह नही हैं लेकिन राजकुमारी ने शांत स्वर मे कहा मैं कही नही जाऊँगी।

☆ यह मेरा भी घर है और इस बच्चे को आप चाहें या ना चाहेे यह मेरे जीवन का हिस्सा रहेगा। काल कोठरी मे बंद विरा को इस खबर का पता तब चला जब एक गुप्त रूप से मिलने आए ग्रामीण ने उसे बताया विरा राजकुमारी गर्भवती है यह खबर पूरे राज्य में फैल गई है विरा के चेहरे पर आश्चर्य और चिंता दोनो साफ झलक रहे थे।
PART :- 7
☆ उसने सोचा यह खबर राजकुमारी को कितनी मुश्किलों में डाल देगी। मुझेे कुछ करना होगा राजा बालवीर अपनी राजगद्दी पर चिंतित और क्रोधित बैठेे थे उनकी बेटी का प्रेम और उसके गर्भवती की खबर ने उन्हे अपार अपमान का अनुभव कराया था।

☆ उनकी छवि और राजगद्दी पर संकट मंडरा रहा था इसी तनावपूर्ण माहौल मे एक साधुु महल के द्वार पर आए साधुु की भूषा भव्य थी और उनकी उपस्थित में एक गहरी शांति और आभा थी। सैनिक उन्हें पहचानते थे क्योंकि वह राजा बालवीर के पुरानेे गुरुओं मे से एक थे।

☆ सैनिकों ने तुरंत राजा को सूचित किया साधु को देखकर राजा बालवीर तुरंत उठ खड़े हुए गुरुदेव आपके चरणों मे प्रणाम इतने वर्षों बाद आपके दर्शन हुए कृपया बताइऐ आज यहाँ आनेे का कारण क्या है। राजा ने विनम्रता से कहा साधुु ने राजा को आशीर्वाद देते हुए कहा राजा बालवीर मुझेे तुम्हारी चिन्ता का समाचार मिला है।

☆ मैं जानता हूँ, कि तुम अपनी बेटी और उसकी परिस्थितियों को लेकर परेशान हो इसलिए मैं यहां आया हूँ। राजा ने अपनी कुंठा और गुस्से को व्यक्त करते हुए कहा गुरुदेव मेरी बेटी ने हमारे परिवार के सम्मान को मिट्टी में मिला दिया है।

☆ वह एक साधारण चरवाहे से प्रेम करती है और अब वह गर्भवती है मैं इसे कैसे सहन कर सकता हूँ साधु ने राजा की बात सुनकर शांत स्वर मे कहा वह हर पिता का हृदय अपनी बेटी के प्रति कठोर हो सकता है, लेकिन एक राजा को अपनी प्रजा और न्याय का भी ख्याल रखना चाहिए।

☆ राजा ने हैरानी से कहा गुरुदेव आप यह क्या कह रहे हैं, क्या आप चाहते हैं कि।, मै उनकी शादी की अनुमति दूँ यह राज घराने की प्रतिष्ठा के खिलाफ है साधु मुस्कुराये और बोले राजा प्रेम ऐसा भाव है जो जाति वर्ग और सीमा नही देखता अगर उनका प्रेम सच्चा है तो उसे समाप्त करने की कोशिश तुम्हारे राज्य और तुम्हारे परिवार दोनों के लिए विनाशकारी हो सकता है।

☆ राजा ने थोड़ा चिड़ते हुए कहा, गुरुदेव आप मुझसे यह कैसे कह सकते हैं वह केवल एक साधारण चरवाहा है साधु ने राजा को याद दिलाया बालवीर क्या तुम भूल गए कि जब तुम्हारा राज्य दुश्मनों से घिरा हुआ था।

☆ तब इसी साधारण प्रजा ने अपनी जान की बाजी लगाकर तुम्हारा साथ दिया था यही ग्रामीण तुम्हारे राज्य की रीढ़ है और क्या तुम यह नही मानते कि सच्चा प्रेम दुर्लभ और अनमोल है साधु ने आगे कहा राजकुमारी रूपरेखा और विरा का प्रेम केवल एक साधारण प्रेम कहानी नही है, यह प्रेम एक परीक्षा है।

☆ जिसमें दोनों ने समाज वर्ग और डर के बंधनों को तोड़ने की हिम्मत दिखाई है अगर तुम इस प्रेम को स्वीकार करोगे तो तुमहरे राज्य मे न्याय और समानता का संदेश जाएगा लेकिन अगर तुम इसेे नष्ट करने की कोशिश करोगे तो विद्रोह और अपमान से बचना असंभव होगा । राजा बालवीर के चेहरे पर उलझन साफ दिख रही थी।

☆ उन्होंने धीरे से कहा लेकिन गुरुदेव मैं अपनी प्रतिष्ठा और परम्पराओ को कैसे नजरंअंदाज कर सकता हूँ। साधु ने गंभीरता से कहा बालवीर सच्ची प्रतिष्ठा न्याय और करुणा से बनती है ना कि क्रोध और अहंकार से तुमने हमेशा मेरी बात मानी है।

☆ आज मैं तुमसे विनती करता हूँ अपने हृदय को खोलो और अपनी बेटी की खुशी के लिए यह निर्णय लो राजा बालवीर साधु की बातों से प्रभावित हो गए उन्होंने अपनी बेटी और विरा की शादी कराने का निर्णय लिया लेकिन इसके लिए कुछ शर्त रखी राजा ने राजकुमारी के कक्ष में जाकर कहा रूपरेखा तुमहारा प्रेम सच्चा है और मै इसेे स्वीकार करता हूँ।

☆ मै तुम्हारी और विरा की शादी कराने के लिए तैयार हूँ लेकिन विरा को अपनी योग्यता साबित करनी होगी राजकुमारी की आँखों मे खुशी के आँसू भर आए उसनेे कहा पिताजी आपका यह निर्णय मेरे लिए सबसेे बड़ा आशीर्वात है। मैं वादा करती हूँ कि विरा आपकी परीक्षा में खरा उतरेगा।

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