प्रेरणादायक हिंदी कहानी संग्रह कथा-कहानी ज्ञानवर्धक किस्से | Hindi Kahani or Story Collection
हिंदी कहानियाँ एक ऐसी विधा जो जीवन को, परिस्थितियों को अपने में लेकर उलझी हुई समझ को, सुलझा देती हैं. हिंदी कहानी हमारे व्यक्तित्व को एक दर्पण की भांति हमारे सामने प्रेषित करती हैं जिनसे हमें अपने कर्मो का बोध होता हैं. माना कि कहानियाँ काल्पनिक होती हैं पर कल्पना परिस्थिती के द्वारा ही निर्मित होती हैं. पाठको को लुभाने एवं बांधे रखने के लिए कई बार भावों की अतिश्योक्ति की जाती हैं लेकिन अंत सदैव व्यवहारिक होता हैं, यथार्थता से परिपूर्ण होता हैं.
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मेहनत का फल
☆ एक गाँव में दो दोस्त, राज और मनोज, रहते थे। राज बहुत धार्मिक था और मंदिर में समय बिताता था, जबकि मनोज मेहनती और जिद्दी था। एक दिन उन्होंने फैसला किया कि वे मिलकर खेत खरीदेंगे और फसल उगाएंगे। मनोज ने खेत में दिन-रात मेहनत की, जबकि राज भगवान से प्रार्थना करता रहा कि उसे अच्छी फसल मिले। जब फसल पककर तैयार हुई तो वे बाजार गए और फसल बेचकर पैसे कमाए।
☆ पैसे बाँटने का समय आया, तो मनोज ने कहा कि उसे अधिक हिस्सेदारी मिलनी चाहिए क्योंकि उसने ज्यादा मेहनत की थी। लेकिन राज ने विरोध किया कि भगवान की प्रार्थनाओं का भी सम्मान होना चाहिए और उसे अधिक हिस्सा मिलना चाहिए। उनकी बात पर विवाद हो गया, और वे इसे गाँव के सरपंच के पास लेकर गए।
☆ सरपंच ने दोनों को एक-एक बोरी दी, जिसमें कंकड़-मिट्टी के बीच गेहूं मिला था। उन्होंने कहा कि इस बोरी से कंकड़ अलग करने वाले को अधिक हिस्सा मिलेगा। मनोज ने पूरी रात मेहनत करके कंकड़ निकाल दिए, जबकि राज वही बोरी लेकर मंदिर गया और भगवान से प्रार्थना करता रहा।
☆ अगले दिन, मनोज ने साफ गेहूं के साथ सरपंच के पास जाकर मेहनत दिखाई, जबकि राज अपनी बोरी वैसी की वैसी रख गया। सरपंच ने सच्चाई को समझाया कि भगवान भी उनकी मदद करते हैं जो मेहनत करते हैं। अंत में मनोज को अधिक हिस्सा मिला, और राज ने सीख ली कि मेहनत के बिना सफलता नहीं मिलती।
☆ इस घटना के बाद राज ने भी मेहनत करना शुरू किया और उनकी अगली फसल मनोज से भी बेहतर हुई। गाँव वालों ने यह समझा कि मेहनत का फल मीठा होता है और सफलता के लिए प्रार्थना के साथ-साथ सच्ची मेहनत भी आवश्यक है।
☆ यह कहानी हमें यह सिखाती है कि बिना मेहनत किए केवल प्रार्थना करने से काम नहीं चलता। सफलता पाने के लिए उत्साह, लगन और कड़ी मेहनत जरूरी है। मेहनत का फल हमेशा मिलता है, बस धैर्य और स्थिरता बनाए रखना आवश्यक होता है। यही मेहनत का सच्चा फल है।

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