श्रावण कुमार की महानतम गाथा हिन्दी कहानियाँ Shravan Story Hindi

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प्रेरणादायक हिंदी कहानी संग्रह कथा-कहानी ज्ञानवर्धक किस्से | Hindi Kahani or Story Collection

हिंदी कहानियाँ एक ऐसी विधा जो जीवन को, परिस्थितियों को अपने में लेकर उलझी हुई समझ को, सुलझा देती हैं. हिंदी कहानी हमारे व्यक्तित्व को एक दर्पण की भांति हमारे सामने प्रेषित करती हैं जिनसे हमें अपने कर्मो का बोध होता हैं. माना कि कहानियाँ काल्पनिक होती हैं पर कल्पना परिस्थिती के द्वारा ही निर्मित होती हैं. पाठको को लुभाने एवं बांधे रखने के लिए कई बार भावों की अतिश्योक्ति की जाती हैं लेकिन अंत सदैव व्यवहारिक होता हैं, यथार्थता से परिपूर्ण होता हैं.

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श्रावण कुमार की महानतम गाथा

☆श्रवण कुमार की महानतम गाथा उनकी माता-पिता के प्रति अटूट भक्ति और सेवा का अद्भुत उदाहरण है। श्रवण कुमार के माता-पिता वृद्ध और अंधे थे, और श्रवण कुमार ने अपने पूरे जीवन को उनकी सेवा में समर्पित कर दिया। वह दिन-रात मेहनत करता, माता-पिता का खाना बनाता, नहलाता और उनकी हर जरूरत का ध्यान रखता। उनकी सबसे बड़ी इच्छा थी कि वे चारों धाम की यात्रा कर सकें, जिसे श्रवण कुमार ने अंतिम समय तक पूरा किया। उन्होंने अपने माता-पिता को कंधे पर उठाकर तीर्थ यात्रा पर ले जाना शुरू किया, चाहे रास्ते कठिन और थके हुए हों।

☆एक घटना में, जब वे अयोध्या के जंगल में थे, तो श्रवण कुमार जल लेने नदी गए। उसी समय अयोध्या के राजा दशरथ शिकार के लिए जंगल में थे। राजा दशरथ ने जल की आवाज़ सुनकर उसे किसी पशु का शिकार समझा और बिना देखे तीर चला दिया, जो श्रवण कुमार के शरीर में लग गया। घायल श्रवण कुमार ने राजा दशरथ से क्षमा माँगी और उनसे अपने अंधे माता-पिता के लिए जल ले जाकर उन्हें पिलाने का अनुरोध किया। उन्होंने यही काम किया, और श्रवण कुमार ने अपने प्राण त्याग दिए।

☆श्रवण कुमार की मृत्यु के बाद उनके माता-पिता को यह दुखद समाचार मिला। वे राजा दशरथ को श्राप देते हैं कि जैसे उन्होंने अपना पुत्र खोया है, वैसे ही राजा दशरथ भी अपने प्रिय पुत्र के वियोग में तड़पेंगे। यह श्राप अंततः रामायण की कथा के अनुसार सत्य साबित होता है, और यही घटना भगवान श्रीराम के वनवास और राजा दशरथ के निधन का कारण बनी।

☆श्रवण कुमार की कथा मातृ-पितृ भक्ति, सेवा और त्याग की ऐसी महान गाथा है जो आज भी भारतीय संस्कारों में आदर्श के रूप में याद की जाती है। यह हमें यह सिखाती है कि अपने माता-पिता की सेवा करना जीवन का सर्वोच्च धर्म है और अनजाने में की गई गलतियों का फल नियति अवश्य देती है। यह कहानी जीवन में धर्म, मर्यादा और कर्तव्य की प्रेरणा देने वाली अमर गाथा है।

इस महान कथा में श्रवण कुमार ने भक्ति और सम्मान की जो मिसाल कायम की, वह सदैव सद्गुणों का संचार करती रहेगी।

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